रानोजी सिंधिया का जन्म एक मराठी परिवार में हुआ था,जो वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य के सतारा जिले के एक गांव कानहेरखेड के वंशानुगत पाटिल थे ।वे सिंधिया राजवंश के संस्थापक थे,और एक प्रतिभाशाली सैन्य कमांडर थे,जिनके नेतृत्व में मालवा पर विजय प्राप्त की गई थी ।18वीं शताब्दी में सिंधिया राजवंश प्रमुखता से उभरा और दिल्ली में अपनी प्रतिभाशाली उपस्थिति और अपनी अत्यधिक आधुनिक सेना के कारण भारत में सबसे प्रमुख शक्तियों में से एक के रूप में हावी हो गया।
रानोजी सिंधिया का जन्म लगभग 1700ई में हुआ और उनकी मृत्यु 3जुलाई 1745ई में 44_45वर्ष के आयु में हो गया । उनका शासन 1731से 3जुलाई1745तक रहा । उनकी पत्नी मैना बाई एवं चिमा बाई थी । उनके पिता का नाम जनको जी सिंधिया प्रथम था । उनके उत्तराधिकारी महाद जी सिंधिया हुए ।
(श्रोत:विकिपीडिया)