Welcome to The Vishw Kurmi Foundation

About Us

हमारे समाज में राज्य, राष्ट्रीय एवं विश्वस्तर पर अनेकों सामाजिक संगठन हैं और वे अपने स्तर से समाज हित में कार्य कर रहे है। लेकिन उनके बीच कोई समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण उनके द्वारा समाज को जितना लाभ मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल पा रहा है। यदि आपस में बेहतर समझ, ताल मेल एवं सामंजस्य स्थापित हो तो और बेहतर परिणाम मिलने की पूरी सम्भावना है। अतः हम अपने सभी सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय बनाने का कार्य कर रहे है। इस फाउंडेशन से जुड़े लोग अपने कई सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं, इसलिए सबों के बीच समन्वय बनाने में कारगर साबित हो सकते है। इसी दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं अंधविश्वासों के प्रति लोगो को जाकरूक करने का प्रयास गोष्ठी, सभाओं एवं आलेखों के माध्यम से किया जा रहा है। समाज में व्याप्त कुरीतियों विशेषकर मृत्यु भोज,दहेज प्रथा, बाल विवाह,एक ही शाखा में विवाह करने की प्रवृति  एवं कई अन्य तरह के अंधविश्वासों के कारण  समाज को काफी आर्थिक और वंशानुगत नुकसान हो रहा है।इसके लिए व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक पहलुओं को उजागर करते हुए समाज को जागरूक करने एवं इससे बाहर निकालने हेतु पहल किया जा रहा है । वंशानुगत खेती से हो रहे नुकसान को ध्यान में रखते हुए उन्नत खेती,व्यापार एवं उद्योग की ओर  कदम बढ़ाने हेतु लोगों को प्रेरित किया जा रहा है । एक नेटवर्क के माध्यम से अपने सभी सामाजिक संगठनों के बीच राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय बनाने की पहल इस फाउंडेशन के माध्यम से की जा रही है । अपने ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि को उजागर करते हुए लोगों में नई ऊर्जा भरने एवं आनेवाली पीढ़ी के लिए वैज्ञानिक सोच के साथ एक उज्ज्वल भविष्य का आधार तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
 

Discover More
Register With Us

कुर्मी समागम सह चेतना शिविर, राजगीर ( नालंदा ) बिहार

दिनांक 10 एवं 11 फरवरी 2025 को राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में होनेवाली"कुर्मी समागम सह चेतना शिविर"  कार्यक्रम में भाग लेने के लिए   पंजीकरण फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व  के आधार पर प्रारंभ किया गया है  ताकि पंजीकरण के अनुसार आवासन एवं भोजन आदि की समुचित व्यवस्था की जा सके ।
इस समागम में विभिन्न राज्यों से बौद्धिक सामाजिक एवं राजनैतिक प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। ज्ञातव्य हो कि राजगीर एक ऐतिहासिक एवं आदर्श पर्यटन स्थल भी है । यह स्थल बुद्ध,महावीर,जरासंध, बिम्बिसार से जुड़ा रहा है ।बौद्ध काल में कुल चार संगीतियां हुई थी जिसमें पहला संगीति राजगीर में ही हुआ था और इसका आयोजन भी अपने ही समाज के महाकाश्य

Become A Member

Join your hand with us for a better life and future and to payback to the society

News & articles

Directly from the
latest news and articles